सृष्टि महिला स्वाभिमान ट्रस्ट की परिकल्पना गया महाविद्यालय गया के अर्थशास्त्र विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) अश्वनी कुमार का शिक्षा के क्षेत्र में एक नवप्रवर्तन शैक्षणिक क्रांति से जुड़ा है ।डॉ कुमार समय-समय पर सेमिनार आयोजित कर थे जिसमें छात्र- छात्राओं को प्रतिभागी एवं शिक्षक स्वयं श्रोता बने । आज वैश्विक पूंजीवादी प्रतियोगी युग में समय की मांग है कि बच्चों के अंतर करण में छिपी प्रतिभा को उद्घाटित कर उनको प्रज्वलित एवं पोषित किया जाए ताकि स्वयं से ऊपर उठकर परिवार समाज एवं देश के प्रति उनकी सोच में परिवर्तन आए उनमें आंतरिक कौशल का निर्माण हो इसके लिए विभाग के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न विषयों पर समय-समय पर सेमिनार का आयोजन किया इसमें बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, मेक इन इंडिया, डिजिटल क्रांति और भारत का लोकतंत्र लोक शिक्षा और आर्थिक विकास, महिला सशक्तिकरण एवं सुशासन, माइक्रो फाइनेंस एवं महिला आर्थिक सशक्तिकरण, सामाजिक समावेश से भारत का आर्थिक विकास, सामाजिक समावेशन और महिला सशक्तिकरण, जनांकिकीय लाभांश और भारत के आर्थिक विकास, विमुद्रीकरण एवं जीएसटी का भारत के आर्थिक प्रभाव के साथ स्वच्छ भारत अभियान पौधारोपण कार्यक्रम विशेषकर छात्राओं को भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं से जुड़ी से जुड़ा हो इसके लिए रंगोली प्रतियोगिता मेहंदी प्रतियोगिता पाक कला एवं विज्ञान प्रशिक्षण बैंकिंग क्षेत्र में प्रतियोगिता के लिए विभिन्न बैंकों के पदाधिकारियों ने विभाग के बैंकिंग प्रतियोगिता के गुरु सिखाएं इन सारे कार्यक्रमों से विभाग में छात्र-छात्राओं के साथ पूरे गया महाविद्यालय में एक शैक्षणिक क्रांति पैदा हुई इसके परिणाम स्वरूप भाग के छात्र सूरज रावत ने 26 जनवरी 2018 को राजपथ पर बिहार प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया साथ ही कई छात्र छात्राओं ने खेलकूद प्रतियोगिता विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम में दूसरे राज्यों में जाकर अपनी अपनी गरिमा सभ्यता एवं विजेता के रूप में अपनी प्रतिभा को रेखांकित किया विभाग इन सारे कार्यक्रमों को देखते हुए शिक्षक एवं छात्रों ने समावेश निर्णय लिया की एक ट्रस्ट बनाया जाए और गया महाविद्यालय परिसर के बाहर भी जाकर विभिन्न शिक्षण संस्थाओं एवं समाज में आकर के विभिन्न कार्यक्रमों को आम जनता के पास जाकर केंद्र एवं राज्य द्वारा संचालित शैक्षणिक आर्थिक सामाजिक पर्यावरण आदि कार्यक्रमों को जन जन तक पहुंचा कर एवं सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति को जोड़कर राष्ट्र के निर्माण में अपेक्षित पहल किया गया इससे जुड़े सभी पदाधिकारी एवं अवैतनिक सेवा देंगे एवं लोक शिक्षण के द्वारा राष्ट्र को नई दिशा देने में सहयोग करेंग ।
विश्व में आधी आबादी महिलाओं की है फिर भी महिलाएं पूर्ण रूप से सशक्त नहीं है, कोई देश विकसित है या नहीं यह उस देश की महिला की स्थिति से पता चलता है। विकासशील एवं मुस्लिम देशों में महिलाओं की स्थिति काफी बद्तर है। जब किसी देश की आधी आबादी कुंठित रोती हुई दबी कुचली होगी, तो उस देश का विकसित होना एक सपना होगा आज के इस प्रतियोगी युग में महिलाओं का सशक्त होना अनिवार्य है और महिला को सामाजिक ,आर्थिक, राजनीतिक,एवं धार्मिक रूप से सशक्त करने के लिए दो महत्वपूर्ण हथियार है शिक्षा एवं वित्त यदि महिला को शिक्षित कर दिया जाए और उसके हाथ में आर्थिक शक्ति प्रदान कर दिया जाए तो महिला को सशक्त होने से कोई नहीं रोक सकता। शिक्षित होकर वह जागरूक होगी तथा यदि उसके पास वित्त है तभी व कठोर निर्णय ले पाएंगी। वित्तीय अभाव में ही शिक्षित एवं जागरूक होने के बावजूद महिला अपना स्वयं का निर्णय नहीं ले पाती हैं सृष्टि महिला स्वाभिमान ट्रस्ट की स्थापना इन बातों को ध्यान में रखकर ही किया गया है ।यह संस्था महिलाओं को उसके कानूनी अधिकार, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं सामाजिक चेतना के प्रति जागरुक करती है साथ ही उनके शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधा प्रदान करती है। महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए ट्रस्ट महिलाओं का कौशल विकास करती है। महिलाओं के माध्यम से विलुप्त होती परंपराओं को भी जीवित करने का लक्ष्य साधी हुई है। हमारा मानना है कि सशक्त महिला से सशक्त घर सशक्त घर से सशक्त समाज, सशक्त समाज से ही सशक्त देश का निर्माण होगा |
सचिव
डॉo प्रियदर्शिनी