विश्व में आधी आबादी महिलाओं की है फिर भी महिलाएं पूर्ण रूप से सशक्त नहीं है, कोई देश विकसित है या नहीं यह उस देश की महिला की स्थिति से पता चलता है। विकासशील एवं मुस्लिम देशों में महिलाओं की स्थिति काफी बद्तर है। जब किसी देश की आधी आबादी कुंठित रोती हुई दबी कुचली होगी, तो उस देश का विकसित होना एक सपना होगा आज के इस प्रतियोगी युग में महिलाओं का सशक्त होना अनिवार्य है और महिला को सामाजिक ,आर्थिक, राजनीतिक,एवं धार्मिक रूप से सशक्त करने के लिए दो महत्वपूर्ण हथियार है शिक्षा एवं वित्त यदि महिला को शिक्षित कर दिया जाए और उसके हाथ में आर्थिक शक्ति प्रदान कर दिया जाए तो महिला को सशक्त होने से कोई नहीं रोक सकता। शिक्षित होकर वह जागरूक होगी तथा यदि उसके पास वित्त है तभी व कठोर निर्णय ले पाएंगी। वित्तीय अभाव में ही शिक्षित एवं जागरूक होने के बावजूद महिला अपना स्वयं का निर्णय नहीं ले पाती हैं सृष्टि महिला स्वाभिमान ट्रस्ट की स्थापना इन बातों को ध्यान में रखकर ही किया गया है ।यह संस्था महिलाओं को उसके कानूनी अधिकार, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं सामाजिक चेतना के प्रति जागरुक करती है साथ ही उनके शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधा प्रदान करती है। महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए ट्रस्ट महिलाओं का कौशल विकास करती है। महिलाओं के माध्यम से विलुप्त होती परंपराओं को भी जीवित करने का लक्ष्य साधी हुई है। हमारा मानना है कि सशक्त महिला से सशक्त घर सशक्त घर से सशक्त समाज, सशक्त समाज से ही सशक्त देश का निर्माण हो